
हो गए हैं हम किंकर्तव्यविमूढ़ मूकद्रष्टा
हम सभी लोग हर दिन बहुत कुछ कर डालने की सोचते रहे हैं लेकिन कर नहीं पा रहे। ये हालात हमारे समझदार होने से लेकर…
हम सभी लोग हर दिन बहुत कुछ कर डालने की सोचते रहे हैं लेकिन कर नहीं पा रहे। ये हालात हमारे समझदार होने से लेकर…
सभी समझदार लोग चापलूसों को दोष देेते हुए उन्हें हीन भावना से देखते हैं और जहाँ मौका मिल जाए, वहाँ बेचारों को सुना भी दिया…
अक्सर लोगों को कहते हुए सुना जाता है – खूब काम है, काम का पार नहीं है, ओवर बर्डन है, इतना काम है कि मरने…
किसी इंसान के भीतर सात्विकता का ग्राफ देखना हो तो उसके लिए सर्वोत्तम पैमाना है उसकी उदारता। जो औरों के प्रति जितना अधिक उदार होता…
हम सभी लोग उस युग में पहुंच चुके हैं जहाँ सेवा, परोपकार और कृतज्ञता ज्ञापन की मनोवृत्ति और अवसर भुला बैठे हैं और इनसे जुड़े…
हर जगह की स्थिति एक सी है। अच्छे लोग या तो अपने से कहीं दूर चले जाने पर याद आते हैं अथवा ऊपर चले जाने…
दुनिया में बहुत सारे लोग हैं जिन्हें इंसान होने के लायक तक नहीं माना जा सकता। इन लोगों का स्वभाव, व्यवहार और चरित्र ही ऎसा…
अनूठा है सिद्धों की गुफाओं वाला मगरा जहाँ गरुड़ ने तपस्या की, पाण्डवों ने रमाई धूँणी पसरा रहता है यहाँ हिल स्टेशन सा सुकून …
सुबह होती है, शाम होती है, जिन्दगी यूँ ही तमाम होती है। यह बात दुनिया के हर जीव पर लागू होती है। हर दिन कुछ…
एक जमाना था जब जंगली और हिंसक जानवरों से इंसान हमेशा भयभीत रहता था, उनसे डर के मारे दूर रहता था और हमेशा यह प्रयास…