
देवतुल्य हैं हमारे बुजुर्ग
सामाजिक जीवन धाराओं में आज बुजुर्गों के प्रति नई पीढ़ी का नज़रिया बदल सा गया है। इसका मूल कारण पारिवारिक संस्कारों की कमी के साथ…
सामाजिक जीवन धाराओं में आज बुजुर्गों के प्रति नई पीढ़ी का नज़रिया बदल सा गया है। इसका मूल कारण पारिवारिक संस्कारों की कमी के साथ…
जो भी इन्सान धरती पर पैदा हो गया, वह सामाजिक प्राणी के रूप में अपने आपको स्थापित करने का प्रयास करता ही है। समुदाय के…
बीते युगों के तमाम प्रजातियों के असुरों का इतिहास रहा है कि कोई भी एक असुर कहीं भी कुछ नहीं कर सकता। एक अच्छा और…
अभिव्यक्ति के लिए सबके पास अलग-अलग विधाएं हैं और इन्हें सारी प्रजातियां आपस में अच्छी तरह समझ जाया करती हैं। जलचर, थलचर, नभचर और उभयचर…
व्यक्तित्व के समग्र विकास में सकारात्मक ऊर्जा का महत्त्व सर्वोपरि है। इसी एकमात्र ताकत के बलबूते कोई भी व्यक्ति जीवन की ऊँचाईयों को सहजता से…
मनुष्य विचित्र स्वभाव वाला प्राणी है जिसे जानना और समझना बड़ा ही कठिन है। इन मनुष्यों में भी एक अत्यधिक विचित्र किस्म है और इस…
अपने लिए जीना खुदगर्ज व स्वार्थी इंसान की निशानी है और दूसरों के लिए जीना वास्तविक इंसान को दर्शाता है। इंसान को इसीलिए सामाजिक प्राणी…
लगातार विस्फोटक होती जा रही जनसंख्या के साथ ही लोगों के फितुर और हरकतों में भी नवाचारों के साथ इजाफा होता जा रहा है। आदमी…
ऎ मानुष ! तुम और कुछ नहीं कर सकते, इसलिए वही करो जो तुम कर रहे हो, अब तक करते रहो हो। क्योंकि इसके बिना…
संसार की सबसे बड़ी और जीवन्त त्रासदी यह है कि जितने इंसान हैं उनमें से आम इंसानों से अधिक संख्या उपदेशकों और सलाहकारों की है।…